पुस्तक की कुछ विशेषताएं:
- यह पुस्तक उन परिस्थितियों पर चर्चा करती है जो मतांतरण की ओर ले जाती हैं। जैसे – आंतरिक कमजोरी, जिसे हमें खुद ही हल करना है, वह है सनातन धर्म, अन्य मतों, दर्शन के बारे में अज्ञानता। साथ ही, अतीत और वर्तमान समस्याओं का ठीक से अध्ययन न करने की समस्या, इनके समाधान को लागू करने के लिए कोई व्यवस्था न होने की समस्या, हिंदुओं की यह गलत धारणा कि सभी धर्म एक जैसे हैं। असमानता और ऐसी अनेक समस्याएं।
- यह इस्लामवादियों की मतांतरण-रणनीति को समझाती है।
- मत परिवर्तन के दौरान व्यक्ति में होने वाला व्यावहारिक परिवर्तन। लोगों, परिवार, समाज, राष्ट्र और दुनिया के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया – इसे व्यक्तिगत अनुभव के माध्यम से स्पष्ट किया गया है।
- मत परिवर्तन केंद्रों में किए जाने वाले ब्रेनवॉशिंग, चरमपंथियों और आतंकवादियों को जन्म देने वाले प्रशिक्षण को उजागर करती है।
- हिंदू परिवारों और समाज पर मतांतरण के प्रभाव की व्याख्या करती है।
- यह बताती है कि व्यक्ति सनातन धर्म में कैसे वापस आ पाया।
- मतांतरण के खिलाफ़ एक मज़बूत प्रतिरोध प्रणाली कैसे बनाई जाए? पुस्तक उन कदमों को दर्शाती है।
- मतांतरित व्यक्ति को वापस लाने के क्या तरीके हैं?
- इस समस्या का स्थायी समाधान क्या है?
इन सब पर विस्तार से चर्चा करते हुए यह पुस्तक सनातन धर्म और इस्लाम का तुलनात्मक अध्ययन भी है। हजारों लोगों को बचाने वाली यह पुस्तक हिंदी में रिलीज हो रही है। आर्ष विद्या समाजम को इस विशेष अवसर पर गर्व है।
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