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एक प्रत्यावर्तन की कहानी का विमोचन – 29/09/2024

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ओ. श्रुति जी द्वारा लिखित पुस्तक “एक प्रत्यावर्तन की कहानी (मैं कैसे इस्लाम में मतांतरित हुई और सनातन धर्म में वापस लौटी)” का विमोचन 29 सितंबर 2024 को होटल ताज, सांता क्रूज़, मुंबई में किया गया।

यह पुस्तक मलयालम में मूल पुस्तक ‘ओरु परवर्तनतिन्टे कथा’ का हिंदी अनुवाद है, जिसे आर्ष विद्या समाजम की पहली महिला प्रचारिका ओ श्रुति ने लिखा है।
पुस्तक का विमोचन संपूज्य स्वामी गोविंददेव गिरि जी महाराज (श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, अयोध्या के कोषाध्यक्ष और महर्षि वेदव्यास प्रतिष्ठान, आलंदी, पुणे के संस्थापक) द्वारा किया गया।
आचार्यश्री के.आर. मनोज जी ने आर्ष विद्या समाजम की वर्तमान प्रासंगिकता, महत्व और कार्ययोजना के बारे में बताया।
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यह पुस्तक मलयालम में मूल पुस्तक ‘ओरु परवर्तनतिन्टे कथा’ का हिंदी अनुवाद है, जिसे आर्ष विद्या समाजम की पहली महिला प्रचारिका ओ श्रुति ने लिखा है।
पुस्तक का विमोचन संपूज्य स्वामी गोविंददेव गिरि जी महाराज (श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, अयोध्या के कोषाध्यक्ष और महर्षि वेदव्यास प्रतिष्ठान, आलंदी, पुणे के संस्थापक) द्वारा किया गया।
आचार्यश्री के.आर. मनोज जी ने आर्ष विद्या समाजम की वर्तमान प्रासंगिकता, महत्व और कार्ययोजना के बारे में बताया।
श्री अश्विनी उपाध्याय (अधिवक्ता, भारत के सर्वोच्च न्यायालय) ने हिंदू समाज के सामने आने वाली चुनौतियों पर व्याख्यान दिया।
श्री मनोज शंभू सिंह (हिंदू जागरण मंच, कोंकण प्रांत संयोजक), श्री रंजीत जाधव (बजरंग दल, कोंकण प्रांत संयोजक) और श्री मोहन कृष्ण सालेकर (विहिप, कोंकण प्रांत सचिव) भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत ओ श्रुति जी की प्रार्थना से हुई तथा संचालन भक्ति जी ने किया।
कार्यक्रम में आर्ष विद्या समाजम के कार्यों और परियोजनाओं का परिचय देने वाली एक डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई।
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आर्ष विद्या समाजम प्रचारिका विशाली जी को स्वामीजी द्वारा “सनातनधर्म उत्कृष्टता पुरस्कार – 2024” प्रदान किया गया !!!

ओ श्रुति जी ने अपनी पुस्तक और अपने अनुभव के बारे में बताया।
इस पुस्तक का हिंदी अनुवाद दीप्ति वी कुशवाह और विशाली शेट्टी ने किया है।
 

पुस्तक के विमोचन को सफल बनाने में सहयोग करने वाले सभी लोगों का हार्दिक आभार।

पुस्तक की कुछ विशेषताएँ:
1. यह पुस्तक उन परिस्थितियों पर चर्चा करती है जो मतांतरण की ओर ले जाती हैं। जैसे – आंतरिक कमजोरी, जिसे हमें खुद ही हल करना है, वह है सनातन धर्म, अन्य मतों, दर्शन के बारे में अज्ञानता। साथ ही, अतीत और वर्तमान समस्याओं का ठीक से अध्ययन न करने की समस्या, इनके समाधान को लागू करने के लिए कोई व्यवस्था न होने की समस्या, हिंदुओं की यह गलत धारणा कि सभी धर्म एक जैसे हैं। असमानता और ऐसी अनेक समस्याएं।
2. यह इस्लामवादियों की मतांतरण-रणनीति को समझाती है।
3. मत परिवर्तन के दौरान व्यक्ति में होने वाला व्यावहारिक परिवर्तन। लोगों, परिवार, समाज, राष्ट्र और दुनिया के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया – इसे व्यक्तिगत अनुभव के माध्यम से स्पष्ट किया गया है।
4. मत परिवर्तन केंद्रों में किए जाने वाले ब्रेनवॉशिंग, चरमपंथियों और आतंकवादियों को जन्म देने वाले प्रशिक्षण को उजागर करती है।
5. हिंदू परिवारों और समाज पर मतांतरण के प्रभाव की व्याख्या करती है।
6. यह बताती है कि व्यक्ति सनातन धर्म में कैसे वापस आ पाया।
7. मतांतरण के खिलाफ़ एक मज़बूत प्रतिरोध प्रणाली कैसे बनाई जाए? पुस्तक उन कदमों को दर्शाती है।
8. मतांतरित व्यक्ति को वापस लाने के क्या तरीके हैं?
9. इस समस्या का स्थायी समाधान क्या है?
इन सब पर विस्तार से चर्चा करते हुए यह पुस्तक सनातन धर्म और इस्लाम का तुलनात्मक अध्ययन भी है। हजारों लोगों को बचाने वाली यह पुस्तक अब हिन्दी में भी उपलब्ध है। आर्ष विद्या समाज को इस पवित्र मिशन पर गर्व है।
 
 
O Sruthi - Hindi Book Launch
हिंदी के अलावा इस पुस्तक का अंग्रेजी और मराठी भाषाओं में अनुवाद किया गया है। अंग्रेजी और मलयालम किताबों के 3 संस्करण पूरे हो चुके हैं।
हज़ारों लोगों को कट्टरपंथ से बचाने में मदद करने वाली इस किताब को हर किसी को पढ़ना चाहिए!

पुस्तक खरीदने के लिए बटन दबाऐं या वाट्सऐप करें – 7356613488